कुनिहार रियासत (Kunihar Princely State, Solan)

           कुनिहार रियासत  (Kunihar Princely State)

   

     

कुनिहार रियासत को छोटी विलायत के नाम से भी जाना जाता था। ये शिमला के पश्चिम में स्थित थी। इसका क्षेत्रफल 24 वर्ग किमी.था। कुनिहार रियासत की स्थापना जम्मू के अभोजदेव ने 12 वीं शताब्दी (1154 ई॰) में की थी। रियासत का मुख्यालय हाटकोट था।

         ये रियासत क्षेत्रफल, जनसंख्या और आय के नज़रिए से बहुत छोटी थी, इसलिए इसपर आक्रमण का खतरा बना रहता था।


कुनिहार रियासत के कुछ प्रमुख  राजा:-



ठाकुर अनन्त देव/ आनन्द देव ( Thakur Anant Dev / Anand dev)-

                  इनका जन्म 1715 ई॰ में हुआ था। इन्होंने लड़ाई में एक बार कांडड़ा के विरुद्ध कहलूर की सहायता की थी और कांगड़ा के अफगखन सरदार आगर खां  को अपनी तलवार से काट दिया था।



ठाकुर मगन देव (Thakur Magan Dev)


                    इनका शासनकाल 1795 से 1816 तक का था। इनके शासन काल में गोरखों ने कुनिहार पर अधिकार कर लिया था। यह रियासत इन्हे 4 सितंबर, 1815 में सरकार द्वारा वापिस की गई। 



तेग सिंह (Teg Singh)


           ठाकुर तेग सिंह के 3 पुत्रों में से ठाकुर हरदेव सिंह उनकी मृत्यु के पश्चात् अवयस्क आयु में कुनिहार के राणा बने।



ठाकुर हरदेव सिंह (Thakur Hardev Singh)


                 ठाकुर हरदेव के बाल्य काल में प्रशासन काउंसिल चलाती थी। इन्हे राज्य से संबंधित सभी अधिकार सन् 1917 में मिले। ये कुनिहार रियासत के अंतिम शासक थे। 15 अप्रेल,1948 के बाद कुनिहार को अर्की तहसील में मिला दिया गया।

              



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