कंडाघाट (Information about Kandaghat),Solan (HP)
कंडाघाट (Kandaghat)
सोलन - शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोलन से 15 किमी. दूर कंडाघाट स्थित है। आज़ादी से पहले कंडाघाट पटियाणा रियासत के अधीन आता था, उस समय कंडाघाट निजामत / जिला बनाया गया था। महाराजा पटियाला ने कंडाघाट के चायल को अपनी राजधानी घोषित किया था। आज भी यहां महाराजा के द्वारा बनवाए गए भवन विद्यमान है।
कालांतर में यह क्षेत्र पैप्सू स्टेट के अधीन आ गया, फिर ये 'कोहीस्तान' के नाम से जाना गया जिसका अर्थ होता है पहाड़ों का स्थान और इसका केन्द्र बना कण्डाघाट।
वर्तमान में कंडाघाट उप-मंडल में 23 ग्राम पंचायतें और 300 के लगभग गांव आते हैं।
दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट ग्राउंड (चायल), भारत का प्रथम मिलट्री स्कूल (चायल) कंडाघाट उपमंडल में ही स्थित है, इसके अलावा प्रदेश का एकमात्र महिला बहु-तकनीकी संस्थान भी यहीं स्थित है।
कंडाघाट उप-मंडल मुख्यालय करोल पर्वत के आगोश में स्थित है। करोल पर्वत एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है। ऐसा माना जाता है कि इस स्थान का इतिहास रामायण व महाभारत काल से जुड़ा है। कहते हैं कि जब हनुमान जी संजीवनी पर्वत उठाकर ले जा रहे थे तो उसका एक हिस्सा यहां गिरा था, करोल का अर्थ कर यानि हाथ और रोल यानि गिरा हुआ अर्थात् हनुमान जी के हाथों से गिरा हुआ भाग करोल कहलाया। करोल की चोटी पर पांडवों द्वारा बनाई गई गुफा भी है जो करोल टिब्बा से हरियाणा के पिंजौर में निकलती है।
चायल (कंडाघाट) में काली मां का सिद्ध मंदिर है तथा कंडाघाट में हनुमान जी और बाबा थड़ा मूला का तीर्थ स्थान है।
कंडाघाट बाज़ार की बेसन बर्फी काफी विख्यात है।
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