बेज़ा रियासत (Beja Princely State), Solan
बेजा रियासत (Beja Princely State)
बेजा रियासत (सोलन) लगभग 7 से 8 किमी. में फैली रियासत थी। यह रियासय कुठाड़ के दक्षिण और महलोग के पश्चिम में स्थित थी।
गर्व चंद , बेजा के प्रथम शासक थे। बेजा कईं वर्षो तक कहलूर के अधीन रहा था। लेकिन, जब 1790ई॰ में हिन्दूर ने कहलूर पर आक्रमण किया तब बेजा कहलूर से स्वतंत्र हो गया।
बेजा रियासत के प्रमुख शासक-
ठाकुर मान चंद (Thakur Maan Chand)
मान चंद बेजा के 24वें शासक थे। ये एक कुशल वैद्य भी थे। इन्होंने गोरखा युद्ध के समय में गोरखा अधिकारियों का उपचार किया था। परंतु एक राजा के रूप में इन्होंने गोरखों के विरुद्ध युद्ध में अंग्रेजो का साथ दिया था।
ठाकुर प्रताप चंद (Thakur Pratap Chand)-
इनका शासनकाल 1817-1841ई॰ तक था। इन पर अंग्रेज़ सरकार ने 5 बेगारी देने की शर्तें लगाई थी।
ठाकुर उदय चंद(Thakur Uday Chand)-
इनका शासन 1841-1905 ई॰ तक था।इनके पुत्र का नाम ठाकुर पूर्ण चंद था।
ठाकुर पूर्ण चंद (Thakur Purn Chand)-
गनकी बाल्य अवस्था में शासन चलाने के लिए एक काउंसिल बनाई गई, जिसके सदस्य अमर सिंह, देवी सिंह, वजीर और बख्शी थें। इनहें 1921 में राज्य से संबंधित अधिकार दिए गए।
ठाकुर लक्ष्मी चंद (Thakur Lakshmi Chand)-
ठाकचर पूर्ण चंद के पुत्र, ठाकुर लक्ष्मी चंद बेजा रियासत के आखरी शासक थे। इन्होंने रियासत को हिमाचल में विलय करने वाले विलय पत्र पश्र हस्ताक्षश्र किए थे।
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